Sunday, 13 October 2013

आचार्य चाणक्य जी ने बताया क्या किसके लिए व्यर्थ है .

1-  समुद्रों में वर्षा व्यर्थ है भोजन से तृप्त हुओं को भोजन खिलाना व्यर्थ है ,धनिकों कों दान देना व्यर्थ ,निष्फल है और दिन में दीपक जलना भीं व्यर्थ है |

No comments:

Post a Comment