आचार्य चाणक्य जी ने सज्जन लोगो के बारे में क्या कहा.
1-समुद्रप्रलयकाल आने पर निश्चय ही मर्यादा
को त्याग देते हैं |समुद्र भेद =अलगाव की भी इच्छा करते हैं,अर्थात किनारो को छोड़ देते हैं परन्तु सज्जन लोग प्रलय आने पर भी ,महान कष्ट और आपत्ति आने पर भी अपनी मर्यादा को नहीं छोड़ते |
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