Friday, 11 October 2013

आचार्य चाणक्य जी ने बताया कि भय से कब तक डरना चाहिए.

1-  भयों से तभी तक डरना चाहिए जब तक भय आता नहीं है |भय को आया हुआ देखकर तो निर्भीक होकर उस पर प्रहार करना चाहिए ,उसे दूर करने का उपाय करना चाहिए |

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