आचार्य चाणक्य जी ने बताया कि क्या किसके लिए तिनके के समान है .
1-ब्रह्माज्ञानीकेलिएस्वर्गतिनकेकेसमानतुच्छहै|शूरवीर के लिए जीवन
त्रणतुल्य है |संयमी के लिए स्त्री
तिनके के समान है और आकंक्षा रहित इच्छारहित ,निर्लोभ मनुष्य के लिए संसार तिनके के समान हेय है |
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