Saturday, 12 October 2013

आचार्य चाणक्य जी ने बताया कि मनुष्य क्या-क्या अकेले ही भोगता.

1-  मनुष्य को अकेला ही जन्म और मृत्युको प्राप्त होता है ,अकेला ही शुभ और अशुभ ,पाप और पुण्य का फल भोगता है ,अकेला ही नरकेषु नरक=नाना प्रकार के दुःखों ,कष्टों में गिरता है और अकेला ही परमगति=मोक्ष को जाता है ,पता है ,प्राप्त करता है |

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