आचार्य चाणक्य जी ने बताया किसको क्या-क्या बार-बार सोचना व मनन करना चाहिए.
1-कौन-सा अथवा कैसा कल ,समय है ,कौन-कौन मेरे मित्र हैं,कौन-सा देश ,स्थान है ,क्या मेरा व्यय और आय
है तथा मैं कौन हूं और मेरी शक्ति क्या है- बारम्बार इस प्रकार से सोचना-विचारना चाहिए ,मनन और निदिध्यासन
करना चाहिए |
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