Sunday, 6 October 2013

आचार्य चाणक्य जी ने बताया की कौन किसको त्याग देता है.

1-      वेश्याएं धनराहित मनुष्य को , प्रजा पराजित अथवा शक्तिहीन राजा को त्याग देती है | पक्षीगण फलरहित वृक्ष को और अतिथि लोग भोजन करके घर को त्याग देते हैं |

2-      ब्रहामण दक्षिणा लेकर यजमान को त्याग देते हैं ,शिष्यगण विधा प्राप्त हो जाने पर गुरु को त्याग देते है और मृग , पशु जले हुए वन को छोड़ देते हैं |

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