आचार्य चाणक्य जी ने बताया की कौन-कौन सी चीजे गर्भ में निश्चित में हो जाती.
1-आयु(गर्भ अथवा जन्म से लेकर मृत्यु के
मध्य की अवधि )तथा कर्म और धर्म, विधा और मृत्यु भी – ये पांच बाते शरीरधारी जीव के
गर्भ में स्थित होने के समय ही रच जाती हैं ,निश्चित हों जाती हैं|
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