Monday, 14 October 2013

आचार्य चाणक्य जी ने काल के वारे में क्या कहा .

1-  काल ,समय सब प्राणियों कों पचाता है ,जीर्ण करता है ,खा जाता है ,काल ही सब प्रजाओं का नाश करता है ,सोये हुओं में अर्थात सब पदार्थों  के क्षय हों जाने पर काल जागता रहता है |निश्चय ही काल टाला नहीं जा सकता ,काल का कोई उल्लंघन नहीं कर सकता |

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