आचार्य चाणक्य जी ने बताया कि किस तरह के लोगो के साथ सुख नहीं मिलता.
1-दुष्टराजाकेराज्यसेअथवाराज्यमेंप्रजाकोसुखकुत: कहां ? धोखेबाज मित्र की मित्रता से / में आनन्द कहां है और दुष्ट स्त्री कों भार्या बनाने से घर में प्रीति कहां ? खोटे शिष्य कों पढ़ाने वाले का यश कैसे होगा ?
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