Thursday, 17 October 2013

चाणक्य जी ने बताया कि मनुष्य को किस-किस तरह के स्वभाव का नहीं होना चाहिए .

1-  अत्यधिक सीधे स्वभाव का नहीं होना चाहिए |बन में जाकर देखो , वहां सीधे वृक्ष काट दिये जाते हैं और टेढ़े-मेढे वृक्ष खड़े रहते हैं |


2-  जहां जल होता है हंस वही रहते हैं और जल सुख जाने पर उस स्थान को छोड़ देते हैं परन्तु मनुष्य को हंस के समान नहीं बनना चाहिए की जो बार-बार छोड़ देते हैं और बार-बार आश्रय लेते हैं अर्थात मनुष्य को स्वार्थी नहीं होना चाहिए |

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