Wednesday, 16 October 2013

चाणक्य जी ने बताया कि मन्त्र कौन-कौन से लोगो को ही पता होना चाहिए अगर किसी तीसरे व्यक्ति को पता चल जाता तो क्या होता है जाने .

1-      मन्त्र राजा तथा मुख्यमन्त्री के अतरिक्त किसी भी तीसरे व्यक्ति के कानों तक पहुंचते ही असार तथा ख़राब हो जाता है |


 भावार्थ- जब भी कोई मंत्रणा हो तो उसे केवल दो उत्तरदायी व्यक्तियों तक ही सीमित रहना चाहिए |राजा और महामंत्री अथवा महामंत्री और विभागीय मुख्य अधिकारी ,यही दो मिलाकर किसी कार्य की अंतिम रुपरेखा नियत करें |अपने विभागीय मन्त्रियों से मंत्रणा कर किसी कर ,किसी कर्तव्य का निर्णय करना महामंत्री का काम होने पर भी कार्य का अंतिम निर्णय राजा और महामंत्री करें |ये दोनों मन्त्र गोपनीयता के लिए उत्तरदायी हों |छह कानों अर्थात तीसरे किसी व्यक्ति के पास जाते ही मंत्रणा की गोपनीयता समाप्त हो जाया करती है |

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