आचार्य चाणक्य जी ने बताया कि भ्रमण करने से क्या होता है .
1-भ्रमणकरनेवालाराजाअपनीप्रजामेंआदरपाताहै,भ्रमण करने वाला विद्धान ,ब्राहमण देश-विदेश में सर्वत्र आदर
सम्मान पाता है ,योगी भ्रमण से मन-सम्मान पाते हैं परन्तु भ्रमण करने वाली इधर-उधर घूमने वाली नारी भ्रष्ट हों जाती है |
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