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लक्ष्य की राजा ,राज्यकर्मचारियों की उचित नियुक्ति ,रक्षित का वर्धन ,अलक्ष्य का लाभ ,राजकाज में विनियोग और व्यय –यह चार बातें
राजतन्त्र के लिए आवश्यक हैं |
भावार्थ- इन्हीं चार
बातों पर राज्य निर्भर होते हैं |राज्य की चार यही मुख्य समस्यायें होती हैं
|राज्य अधिकारी लोग न तो अर्थवृद्दि में प्रमाद करें ,न राज्यश्री का असद्व्यय
करें और न उसे अनुपयोग से नष्ट होने दें |श्री की दान भोग तथा नाश से चोथी गति
नहीं है |राजा लोग सामादि उपायों से ,फूल में से अति क्षुद्र मात्रा में रस लेते
,फिर मधुकारों के समान सुसह्य उपायों से प्रजा से धन संग्रह करें |
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