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विचारणीय कर्तव्य के विषय में ऊपर बताये गये तीनो मंत्रणाकारों का एकमत हो जाना ,मंत्रण की सफलता है |इससे कार्यसिद्धि अवश्य होती है |
भावार्थ- तीनों
मंत्रणाकर्ताओं का एकमत्य हो जाना मन्त्र की श्रेष्ठता हो |उसका कार्यसिद्धि
सुनश्चित हो जाती है |मंत्रणा ग्रहण करने वाला ,मंत्रणा देने वाला ,विश्वस्त
,हितैषी ,व्यवहार-कुशल मंत्री इन सबका एकमत होना लाभदायक और निश्चित लक्ष्य
प्राप्ति का सुचल है |मंत्रणा को सफल बनाने के लिए सबको एकमत होना आवश्यक होता है|
इसी से कार्यसिद्धि होती है |
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