Tuesday, 15 October 2013

चाणक्य जी ने बताया कि कौन-कौन से मंत्रणाकर्ताओ के एकमत हो जाने से कार्यसिद्दि निश्चित है .

1-      विचारणीय कर्तव्य के विषय में ऊपर बताये गये तीनो मंत्रणाकारों का एकमत हो जाना ,मंत्रण की सफलता है |इससे कार्यसिद्धि अवश्य होती है |


 भावार्थ- तीनों मंत्रणाकर्ताओं का एकमत्य हो जाना मन्त्र की श्रेष्ठता हो |उसका कार्यसिद्धि सुनश्चित हो जाती है |मंत्रणा ग्रहण करने वाला ,मंत्रणा देने वाला ,विश्वस्त ,हितैषी ,व्यवहार-कुशल मंत्री इन सबका एकमत होना लाभदायक और निश्चित लक्ष्य प्राप्ति का सुचल है |मंत्रणा को सफल बनाने के लिए सबको एकमत होना आवश्यक होता है| इसी से कार्यसिद्धि होती है |

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